आज ऐसे ही कुछ पुरानी तस्वीरों पर नज़र पड़ी. तस्वीरें - नयी हों या पुरानी हमारे मन को भातीं हैं. कुछ याद कराती हैं और कुछ एहसास दिलातीं हैं - यादें अगर भीनी भीनी तो एहसास मीठा सा और थोडा सा कुछ खोने का.
तस्वीरें हैं फूलों की घाटी की. घाटी वैसे तो साल में अक्सर बर्फ से ढकी रहती है पर जून से अक्टूबर के दौरान वहाँ जाया जा सकता है. हम करीब सात आठ साल पहले जून के महीने में वहाँ गए थे - रास्ता बंद था और जगह जगह ग्लेशियर थे. तो हम अन्दर तक तो नहीं जा पाए लेकिन इसी बहाने घांघरिया में दो तीन दिन ठहरे और काफी फोटोग्राफी की.