Friday, October 9, 2009
घर मुश्किल से ही बनता है
अभी इधर कुछ एक दिनों पहले एक बर्र ने पास ही एक दरवाज़े पर घर बनाना शुरू किया. थोडी थोडी मिटटी ले के आती और फिर बड़े इत्मिनान के साथ उसे ऐसे ही लेपती जैसे कि गाँव में कोई अलबेली मिटटी के चूल्हे को लेपती है - अपने में ही खोयी हुई. उसका घर बनाना अभी भी जारी है - उसी मतवालेपन में, उतनी ही लगन से, उतने ही इत्मिनान से ...
Monday, October 5, 2009
Subscribe to:
Posts (Atom)