सर्दियों की धूप और उस धूप में टहलना. ऐसे मौसम में खामा-खां टहलने का अपना ही आनंद है - आजकल तो इतनी ठण्ड ना रही और पतझड़ भी आ ही गया - तितलियाँ भी सभी जगह दिख ही जाती हैं और सड़क पर इधर उधर पत्तों का बिखरा हुआ जमाव भी मन को रमता है.
एक बार इसी मौसम में भरतपुर गए थे - bird -sanctury घूमने के लिये. उन दिनों साइबेरियन क्रेन्स काफी दिखते थे, सुना है इधर पिछले कई सालों में उनकी संख्या काफी हद तक कम हो गयी है. लेकिन उसके बावजूद इस जगह की नैसर्गिकता में कोई कमी नहीं आयी है, ऐसा मानना है हमारे कुछ मित्रों का जो हाल ही में वहां गये थे. देखते हैं हुआ तो मार्च में वहाँ जाना हो सके. तब तक घर के आस पास ही टहलते हैं - सर्दियों की धूप में.
Thursday, January 21, 2010
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