Saturday, January 23, 2010

भरतपुर, इरान या चीन

भरतपुर जाने की बात चली तो एक मित्र ने बताया कि पिछले साल जाड़ों में पक्षी अच्छी संख्या में आये थे - करीब ३३००० के आसपास. इस साल भी संख्या ठीक-ठाक ही लगती है. हालांकि साइबेरियन क्रेन्स अभी कुछ वर्षों से इधर आये ही नहीं. अगर इधर नहीं आ रहे तो जा कहाँ रहे हैं? मालूम हुआ कि उनके तीन flight paths थे - एक समूह भरतपुर आता था, एक इरान और एक बड़ा समूह चीन में पोयांग झील जाता था. अब जो यहाँ आता था वो इरान जा रहा है कि चीन, इसकी जानकारी तो अभी नहीं है हमें. हाँ इतना ज़रूर सुना है कि कुछ एक साल पहले पुणे के एक छात्र ने झेलम एक्सप्रेस से यात्रा करते वक़्त, एक जोड़े को छाता और पलवल के बीच कहीं देखा था. काफी खोजबीन कि गयी उस जोड़े कि, पर पता ना चला.

1 comment:

  1. सुन्दर ब्लॉग है आपका। मोहक प्राकृतिक दृश्यों और विवरणों से सजा हुआ।

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